भारतीय शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी का बहुत ही महत्ब बताया गया है इस दिन भगवान विष्णु के बामन अवतार की पूजा की जाती है औऱ इस व्रत कों करने से कई फल मिलते है जो औऱ कर्मो से नहीं मिलते है एकादशी के दिन लोग भगवान विष्णु के लिये व्रत रखते है औऱ पूजा पाठ करते है जिस से जीव कों पाप कर्मो से मुक्ति मिल जाती है अर्थात आजकल लोग शहरों मैं व्रत पूजा पाठ काम करते है लेकिन गांवो मैं लोग व्रत पूजा पाठ खूब करते है औऱ इस एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए इसका बहुत बड़ा फल मिलता है
14 सितम्बर कों परिवर्तनी एकादशी : ये एकादशी 14 सितम्बर भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी है इसे परिवर्तनी या जल झूलनी एकादशी भी कहते है इस दिन भगवान के वामन अवतार की पूजा होती है शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा की एक करबट लेते है इस लिये इसको परिवर्तरनी एकादशी कहते है शास्त्रों के अनुसार कुछ जगहों पर भगवान श्री कृष्ण की सूरज पूजा की जाती है औऱ साथ ही साथ श्री राधा रानी जी की भी पूजा की जाती है औऱ सुबह से शाम तक भगवान् की पूजा अर्चना होती है
पूजा विधि : सबसे पहले आपको जागकर धरती माता के चरण स्पर्श करने है उसके बाद आप नाहाकर औऱ साफ धुले हुए कपडे पहनकर उसके बाद बालो मैं तेल नहीं लगाना है औऱ ना ही कुछ खाना है फिर उसके बाद आपको पूजन थाली कों धोकर उसमे पूजन सामग्री कों रखकर मंडी पर चले जाना है वहा सर्वप्रथम आपको एक लौटा लेना है उस लोटे मैं पानी भरकर सबसे पहले भवन विष्णु कों स्नान करबाए फिर उसके तत्पश्चात मंदिर की साफ सफाई करे औऱ फिर घी का दीपक औऱ धूपवत्ती जलाये उसके बाद फिर आपको भगवान विष्णु की आरती करनी है फिर भगवान् विष्णु के मंत्रो का उच्चारण करे इसके बाद आप भगवान विष्णु जी के लिये भोग प्रसाद लगाए फिर उस प्रसाद कों लोगो मैं बाँट दे ये पूरी पूजा विधि है
व्रत कैसे करें व्रत करने की पूरी विधि : ऐसे तो भारतीय शास्त्रों के अनुसार व्रत करने की कई विधि है लेकिन मूल रूप से जिस विधि से व्रत करने का फल मिलता है वो एक ही है इस विधि कों करना बहुत ही सरल है इस एकादशी का व्रत दशमी की रात कों ही शुरु हों जाता है फिर सबसे पहले आपको सुबह उठते ही आपको स्नान करके साफ सुथरे कपडे पहनकर भगवान विष्णु जी की मूर्ति के सामने बैठकर व्रत का संकल्प ले संकल्प लेने से व्रत का बहुत जल्दी फल मिलता है औऱ भगवान विष्णु बहुत खुश होते है इस दिन सूर्योदय से पहले आपको नहाना चाहिए औऱ साथ ही साथ भगवान् विष्णु की प्पोजा पाठ विधि विधान से करे औऱ इस दिन आपको सिर्फ पुरे दिन पानी पीना चाहिए या फिर फलाहार भी कर सकते है उपवास मैं बिलकुल भी एक भी अन्न का दाना नहीं खाये एवं इस व्रत कों बड़े नियम औऱ संयम से करे जिस से भगवान विष्णु प्रसन्न हों सके
एकादशी के व्रत का महत्व : इस एकादशी का बहुत ही बड़ा महत्व होता है विष्णु पुराण के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से वाजपेय अज्ञ का फल मिलता है औऱ मनुष्य से जो भी पाप जाने अनजाने मैं होते होते है वे सभी पाप इस व्रत से समाप्त हों जाते है एवं घर मैं सुख समृद्धि आती है इस व्रत कों करने से इस एकादशी पर व्रत एवं पूजा करने से वृम्हा विष्णु महेश तीनो की पूजा का फल मिलता है इस व्रत कों करने वाले की हार्दिक मनोकामना पूरी हों जाती है औऱ ये व्रत बहुत ही लाभकारी होता है