2024 जनमाष्टमी के व्रत का कितना महत्व होता है जानिए

 

जनमाष्टमी हम आपको श्री कृष्ण जनमाष्टमी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं इस पोस्ट में आपकासभी सवाल जवाब देने वाला हूं :

महत्त्व :

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने का इतना फल मिलता है जितना आपने सोचा नहीं होगा अगर हम बात करें तो 20 करोड़ एकादशियों के बराबर एक जन्माष्टमी का व्रत है ऐसा कहा जाता है लेकिन जन्माष्टमी का फल इसलिए भी कई गुना ज्यादा होता है  कृष्ण जन्माष्टमी के साथ-साथ राधाष्टमी का भी व्रत रखना चाहिए हमारे प्यारे कृष्ण भगवान के जन्म दिन पर अगर हम व्रत रख रहे हैं तो इससे बेहतर हमारे जीवन में कुछ भी नहीं है

क्या-क्या दुर्लभ संयोग में जन्माष्टमी कैल जाने पूजा मुहूर्त विधि और पूजन सामग्री  क्या क्या है: 

हिंदू पंचांग के अनुसर श्री कृष्ण भगवान जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद महिने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि  बड़े संयोग से मनाइ जाएगी भगवान श्री कृष्ण की आराधना करने से लाभ प्राप्त होगा और सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी

लड्डू गोपाल कोshri krishna janmashtami कैसे कराएं स्नान: श्री कृष्ण भगवान को पंचामृत से स्नान कराते हैं और ध्यान यहां रखते हैं कि सबसे पहले धातु से बनी भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को किसी पात्र में रखें मूर्ति को शहद दूध दही और अंत में गंगा जल चीनी से स्नान करा कर आना के जन्मदिन के बाद रात 12:00 बजे बजे के बाद स्नान करा सकते हैं

Janmaashtmi 2024 :

शास्त्रों के अनुसार कृष्ण भगवान को सबसे अधिक खीरा प्रिय है खीरा का भोग लगाने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं जन्माष्टमी के दिन खिरा खिलाया जाता है जनमाष्टमी पूजा के पीछे मान्यता है कि जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो बच्चे को अलग करने के लिए गर्भनाल से काटा जाता है उसी प्रकार से खीर के दंथल को अलग किया जाता है

जनमाष्टमी पर कोन सा प्रसाद दिया जाता है :

जन्माष्टमी पर जरूर सुनेंगे गोपाल स्थिति होंगे सभी मनोकामनाएं पूर्ण

नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।
विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः॥
नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।
कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः॥

नमः कमलनेत्राय नमः कमलमालिने।
नमः कमलनाभाय कमलापतये नमः॥
बर्हापीडाभिरामाय रामायाकुण्ठमेधसे।
रमामानसहंसाय गोविन्दाय नमो नमः॥

कंसवशविनाशाय केशिचाणूरघातिने।
कालिन्दीकूललीलाय लोलकुण्डलधारिणे॥
वृषभध्वज-वन्द्याय पार्थसारथये नमः।
वेणुवादनशीलाय गोपालायाहिमर्दिने॥

बल्लवीवदनाम्भोजमालिने नृत्यशालिने।
नमः प्रणतपालाय श्रीकृष्णाय नमो नमः॥
नमः पापप्रणाशाय गोवर्धनधराय च।
पूतनाजीवितान्ताय तृणावर्तासुहारिणे॥

निष्कलाय विमोहाय शुद्धायाशुद्धवैरिणे।
अद्वितीयाय महते श्रीकृष्णाय नमो नमः॥
प्रसीद परमानन्द प्रसीद परमेश्वर।
आधि-व्याधि-भुजंगेन दष्ट मामुद्धर प्रभो॥

श्रीकृष्ण रुक्मिणीकान्त गोपीजनमनोहर।
संसारसागरे मग्नं मामुद्धर जगद्गुरो॥
केशव क्लेशहरण नारायण जनार्दन।
गोविन्द परमानन्द मां समुद्धर माधव॥
॥ इत्याथर्वणे गोपालतापिन्युपनिषदन्तर्गता गोपालस्तुति संपूर्णम

कृष्ण जन्माष्टमी 2024 बनेगा महासंयोग : 

अबकी बार जन्माष्टमी प्रति 26 अगस्त यानी सोमवार के दिन 30 साल खराब भगवान शनि देव भगवान कृष्ण को अपना राज्य दे मानते हैं और मूल तर्कों राशि में रहेंगे ऐसे दिन सर्व सिद्धि योग भी बन रहे इस योग में शुभ कार्य करने और पूजा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी जो भी व्यक्ति इस दिन पूजा पाठ करेगा अपने सच्चे मन से उसका उपयोग फल मिलेगा

Krishna Janmashtami 2024 भगवान श्री कृष्ण का जन्म किस तिथि और नक्षत्र में हुआ था :

ग्रंथो के हिसाब से भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्र पद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र वृषभ लग्न और बुधवार की रात 12 बजे जेल में हुआ

जन्माष्टमी 2024 नक्षत्र रोहिणी कब शुरू होगी: 

Krishna श्री कृष्ण भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था अगस्त में रोड़ी नक्षत्र का आरंभ होता है शाम 3:54 से होगा और समाप्त होगा 27 अगस्त को शाम 3:39 पर रोहिणी नक्षत्र साल में एक ही बार आता है

 कृष्ण जन्माष्टमी 2024 में करें इस मंत्र का जाप, मिलेगी समृद्धि:

ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात

Janmaashtmi 2024 इस दिन 2 चीज़ों को लाना मना जाता है शुभ इस दिन 2 चीज़ों को लाना मना जाता है शुभ:

1. मोर पंख

मोर पंखु भगवान श्री कृष्ण अपनी मस्ती पर सजा कर रखते हैं भगवान श्री कृष्ण की जन्मष्टमी पर इसको कर लाना शुभ जाता है यह मोर पंख साकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है  और इसको साकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मन जाता है मोर पंख हो लोग मंदिरों में रखते हैं मोर पंख से घर में सुख समृद्धि वातावरण शुद्ध होता है

कृष्ण जन्माष्टमी सभी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है उसको बड़ी ही धूम धाम से बड़े उत्सव के साथ मनाया जाता है इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है इस दिन कुछ ध्यान रखने योग्य बात

1 लहसन और प्याज़ नहीं खाये :

लहसन और प्याज नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मन जाता है जिस से भगवान की पाठ पूजा में मन नहीं लगता जिस से मन शुद्ध हो जाता है और गंदे विचार आने लगते हैं

2 . शराब का सेवन न करें भूलकर भी न तो अर्थ का अनर्थ हो जाएगा और जीवन में दुख का पहाड़ टूट जाएगा

3 . गलत काम नहीं करे

इस दिन भगवान श्री कृष्ण के भक्त उपवास रखते हैं और भगवान के बाल स्वरूप यानि लड्डो गोपाल की पूजा अर्चना करते हैं रात्रि 12 बजे के बाद भगवान को भोग प्रसाद लगाया जाता है और 56 भोग के का प्रसाद लगाकर व्रत को खोलते हैं इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर शुभ योग बन रहे हैं

 

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